बस्ती ।ध्यान योग के जरिये सभी प्रकार की शक्तियों को केन्द्रित कर समूचे विश्व में संस्कारयुक्त भारतीय शिक्षा की नींव रखने वाले महर्षि महेश योगी की 103 वीं जयंती मड़वानगर स्थित महर्षि विद्या मन्दिर में धूमधाम से मनाई गयी। पारम्परिक तरीके से गुरू पूजन के बाद शुरू हुआ कार्यक्रम सरस्वती की आराधना, अतिथियों के स्वगात और छात्र छात्राओं की मनमोहक प्रस्तुति पर दर्शक तालियां बजाते रहे।
रीढ़ की हड्डी, एडमिशन एकांकी और गणेश वंदना के माध्यम से छात्र छात्राओं की प्रतिभा सामने बायी। प्रधानाचार्य आरके श्रीवास्तव ने अपने संक्षिप्त सम्बोधन में कहा कि महर्षि महेश योगी ने शिक्षा की जो ज्योति जलाई है समूचे विश्व के लिये प्रेरणास्रोत है। उन्होने ध्यान के जरिये शक्तियों को एकाग्र करने का तरीका सिखाया। उनका मानना था कि ध्यान से इन्द्रियां नियंत्रित रहती हैं और साधक निश्चित रूप से लक्ष्य हासिल करने में कामयाब रहता है। वर्तमान में 163 शाखायें देशभर में गुरू शिष्य की परंपरा को आगे बढ़ा रही हैं।
बीडी ग्लोबल एकेडमी के डायरेक्टर एसएल चौधरी ने कहा महर्षि विद्या मन्दिर शिक्षा की गुणवत्ता के मामले में अपनी अलग पहचान रखता है। सामाजिक कार्यकर्ता अशोक श्रीवास्तव ने कहा सामान्य परिवार और गांव में पैदा होने वाला बालक महेश श्रीवास्तव गुरू के सानिध्य में आकर महर्षि महेश योगी हो गया और उसकी आभा से ऐसा प्रकाश पुंज निकला कि आज उनके विराट व्यक्तित्व पर समूचा भारतवर्ष गर्व करता है। अमित श्रीवास्तव, समाजसेवी दिनेश कुमार श्रीवास्तव आदि ने कार्यक्रम को सम्बोधित कर महेश योगी के योगदान पर प्रकाश डाला।
मनाए गई महर्षि महेश योगी की जंयती