बालू खनन में ठेकेदारों की बढ़ रही मुश्किल

बस्ती ।जनपद में बालू खनन और  भंडारण को लेकर मुश्किलों में फंसे दो ठेकेदार की मुश्किलें कम होती नजर नहीं आ रही।जिला प्रशासन ने जारी आरसी बकाया धनराशि  जमा न कर पाने कार्रवाई करते हुए सोमवार को जिला अधिकारी आशुतोष निरंजन ने तेज प्रताप सिंह की पत्नी सिंपी सिंह व ब्लॉक प्रमुख राम नरेश चौधरी का हैसीयत प्रमाण पत्र को निरस्त कर दिया। जिला अधिकारी की माने तो दोनों   लोगों पर लाखों रुपए बाकी है जिसे अभी तक नहीं जमा कराया गया है वही बालू प्रकरण को लेकर उच्च न्यायालय इलाहाबाद ने रामनगर के प्रमुख रामनरेश चौधरी के बालू खनन प्रकरण में नीलामी प्रक्रिया पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दिया है। 
प्रेस को जारी विज्ञप्ति के माध्यम से रामनरेश चौधरी ने बताया कि  चौधरी कान्स्ट्रक्शन कम्पनी पर लगभग 4 करोड 1 लाख रूपये का जुर्माना जिला प्रशासन की ओर से लगाया गया था जिस पर उन्होने उच्च न्यायालय इलाबाहाद में वाद दायर किया। उच्च न्यायालय ने 40 लाख नकद एवं डेढ करोड की बैंक गारन्टी जमा करने हेतु 6 सप्ताह का समय दिया था। 40 लाख रूपये निर्धारित अवधि में जमा कर दिया गया, डेढ करोड की बैंक गारन्टी समय से नहीं हो सका। जिला प्रशासन ने उनके जमीन, मशीनरी, बैंक एकान्ट को कुर्क करते हुये 20 फरवरी 2020 एवं 24 फरवरी को नीलामी की तिथि निश्चित किया। बताया कि नीलामी तिथि से पहले बैंक गारन्टी बन गई, इसकी सूचना जिला प्रशासन को लिखित रूप में दिया गया किन्तु प्रशासन ने इसे संज्ञान में नहीं लिया। इसे उच्च न्यायालय इलाहाबाद के संज्ञान में लाया गया जिस पर न्यायाधीश ने बैंक गारण्टी स्वीकार करते हुये नीलामी प्रक्रिया पर रोक लगा दिया। लोगो की माने तो प्रशासन व नेताओ की खींचतान के बीच मे फंसे होने के कारण भी इनकी मुश्किल कम नही हो रही है।